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जैन धर्म की बारह भावना | बारह भावना - जैन धर्म
जैन धर्म में भावना का विशेष महत्व हैं, जैन धर्म भावना प्रधान धर्म है। जैन धर्म में बारह प्रकार कि भावना का वर्णन हैं…
फ़रवरी 23, 2020
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जब कभी भी जैन श्रावक जैन साधु-साध्वी जी को देखतें है तो तिक्खुत्तो के पाठ द्वारा साधु माहाराज कि वंदना कि जाती है, चा…
जैन धर्म में साधु जी को वंदना करना उत्तम माना जाता है, जैन शास्त्रो में साधु वंदना का विशेष महत्व बताया गया है, प्रत्य…
जैन धर्म में प्रत्येक तीर्थंकर के समय एक देवी व एक देवता विद्यमान होता है, जो शासन देवी व शासन देव कहलाते है। यक…
जैन धर्म में देवियों कि भी पूजा कि जाती है, प्रत्येक तीर्थंकर भगवान के साथ एक शासन देव और एक देवी होती है, जो प्रभु की…