
जैन धर्म के पंच महाव्रत कौन से है ?
जैन धर्म के पंच महाव्रत जैन धर्म में पंच महाव्रतो का अति महत्व है । ये पाँचो महाव्रत जैन धर्म का सार है । जैन धर्म के …

जैन धर्म के पंच महाव्रत जैन धर्म में पंच महाव्रतो का अति महत्व है । ये पाँचो महाव्रत जैन धर्म का सार है । जैन धर्म के …
गणधर गौतम स्वामी जी का जीवन परिचय इंद्रभूति गौतम (गौतम गणधर) तीर्थंकर महावीर के प्रथम गणधर (मुख्य शिष्य) थे। गौतम स्…
जैन दर्शन के अनुसार आठ प्रकार के कर्म कौन से हैं ? जैन दर्शन के अनुसार आठ प्रकार के कर्म मोक्ष प्राप्त होने तक सभी …
जैन धर्म में रुद्र कौन होते है ? जैन धर्म के अनुसार रुद्र प्रारम्भं में पवित्र आत्मा होती है , जो बाद में पथभष्ट्र ह…
जैन धर्म में तीर्थंकर प्रभू के अष्ट प्रतिहार्य कौन - कौनसे है ? ये अष्ट प्रतिहार्य तीर्थंकर भगवान को केवलज्ञान प्राप्त…
जैन धर्म में तीर्थंकर गोत्र के बीस स्थानक कौन - कौनसे है ? तीर्थंकर गोत्र के बीस स्थानक होते है । तीर्थंकर महाप्रभु …
जैन धर्म में तीर्थंकर जन्म के स्वपन कौन - कौनसे है ? जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र में 24 तीर्थंकर जन्म लेते हैं। तीर्थंकर …
शास्त्र-मन्त्र १. इह लोए, पर लोए, सुहाण - मूलं नवकारो | २. नमो जिणाणं, जिय भयाणं । ३. नमो चउवीसाए तित्थगराणं, उसभादि …
भगवान महावीर के दस अनमोल विचार भगवान महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर है । प्रभु महावीर के बचपन का नाम वर्ध…
Bhaktamar Stotra With Meaning भक्तामर स्तोत्र जैन धर्म का महान प्रभावशाली स्तोत्र है । इस स्तोत्र की रचना आचार्य मा…