Jain-chalisa

श्री महावीर स्वामी जी चालीसा

भगवान महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर है  । प्रभु महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था । जैन धर्म के इस कालखण्ड…

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श्री अरिष्टनेमी जी चालीसा

श्री अरिष्टनेमी जी चालीसा श्री जिनवाणी शीश धार कर, सिध्द प्रभु का करके ध्यान । लिखू नेमि- चालीसा सुखकार, नेमिप्रभु की …

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श्री नमिनाथ जी चालीसा

श्री नमिनाथ जी चालीसा सतत पूज्यनीय भगवन, नमिनाथ जिन महिभावान । भक्त करें जो मन में ध्याय, पा जाते मुक्ति वरदान ।। जय …

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श्री मल्लीनाथ जी चालीसा

श्री मल्लीनाथ जी चालीसा वन्दूं श्री जिन मल्लिप्रभु , वीतराग सुखकार | काममल्ल को जीतकर , पद पाया अविकार ||१|| उन्निसवें …

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श्री अरहनाथ जी चालीसा

Arahnath Chalisa – श्री अरहनाथ चालीसा श्री अरहनाथ जिनेन्द्र गुणाकर, ज्ञान-दरस-सुरव-बल रत्ऩाकर । कल्पवृक्ष सम सुख के …

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श्री कुंथुनाथ जी चालीसा

श्री कुंथुनाथ जी चालीसा दयासिन्धु कुन्थु जिनराज, भवसिन्धु तिरने को जहाज । कामदेव… चक्री महाराज, दया करो हम पर भी आज । …

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श्री धर्मनाथ जी चालीसा

श्री धर्मनाथ जी चालीसा उत्तम क्षमा अदि दस धर्म,प्रगटे मूर्तिमान श्रीधर्म । जग से हरण करे सन अधर्म, शाश्वत सुख दे प्रभु …

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श्री विमलनाथ जी चालीसा

श्री विमलनाथ जी चालीसा सिद्ध अनंतानंत नमन कर, सरस्वती को मन में ध्याय । विमल प्रभु की विमल भक्ति कर, चरण कमल को शीश नवा…

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श्री श्रेयांसनाथ जी चालीसा

श्री श्रेयांसनाथ जी चालीसा निज मन में करके स्थापित, पंच परम परमेष्ठी को । लिखूं श्रेयांसनाथ चालीसा, मन में बहुत ही हर्ष…

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श्री शीतलनाथ जी चालीसा

श्री शीतलनाथ जी चालीसा शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अघिकाय । कल्पवृक्ष सम प्रभु चरण, है सबको सुखदाय । जय श्री शीतलनाथ गु…

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श्री चन्द्रप्रभु जी चालीसा

श्री चन्द्रप्रभु जी चालीसा वीतराग सर्वज्ञ जिन, जिन वाणी को ध्याय ।। पढने का साहस करूं, चालीसा सिर नाय ।। देहरे के श्री …

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श्री पद्मप्रभु जी चालीसा

श्री पद्मप्रभु जी चालीसा कविश्री चंद्र (दोहा) शीश नवा अरिहन्त को सिद्धन करूँ प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी न…

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