
श्री विमलनाथ जी चालीसा
श्री विमलनाथ जी चालीसा सिद्ध अनंतानंत नमन कर, सरस्वती को मन में ध्याय । विमल प्रभु की विमल भक्ति कर, चरण कमल को शीश नवा…

श्री विमलनाथ जी चालीसा सिद्ध अनंतानंत नमन कर, सरस्वती को मन में ध्याय । विमल प्रभु की विमल भक्ति कर, चरण कमल को शीश नवा…
श्री श्रेयांसनाथ जी चालीसा निज मन में करके स्थापित, पंच परम परमेष्ठी को । लिखूं श्रेयांसनाथ चालीसा, मन में बहुत ही हर्ष…
श्री शीतलनाथ जी चालीसा शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अघिकाय । कल्पवृक्ष सम प्रभु चरण, है सबको सुखदाय । जय श्री शीतलनाथ गु…
श्री सुविधिनाथ जी (पुष्पदन्त) चालीसा दुख से तप्त मरूस्थल भव में, सघन वृक्ष सम छायाकार ।। पुष्पदन्त पद – छत्र – छाँव में…
श्री चन्द्रप्रभु जी चालीसा वीतराग सर्वज्ञ जिन, जिन वाणी को ध्याय ।। पढने का साहस करूं, चालीसा सिर नाय ।। देहरे के श्री …
श्री पद्मप्रभु जी चालीसा कविश्री चंद्र (दोहा) शीश नवा अरिहन्त को सिद्धन करूँ प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी न…
श्री संभवनाथ जी चालीसा श्री जिनदेव को करके वंदन, जिनवानी को मन में ध्याय । काम असम्भव कर दे सम्भव, समदर्शी सम्भव जिनरा…