पंच परमेष्ठी स्तुति

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नवकार मंत्र स्तुति

 पंच परमेष्ठी स्तुति

अरहंता मज्झ मंगलं, अरहंता मज्झ देवया ।

अरहंते कित्तइताणं वोसिरामि त्ति पावगं ।।

सिद्धाय मज्झ मंगलं, सिद्धाय मज्झ देवया ।

सिद्धेय कित्तइताणं, वोसिरामित्ति पावगं ।।

आयरिय मज्झ मंगलं, आयरिया मज्झ देवया ।

आयरिए कित्तइत्ताणं, वोसिरामि, त्ति पावगं ।।

उवज्झाया मज्झ मंगलं, उवज्झाय मज्झ देवया ।

उवज्झाए कित्तइत्ताणं, वोसिरामि त्ति पावगं ।।

साहूय मज्झ मंगलं, साहूय मज्झ देवया ।

साहूय कित्तइताणं, वोसिरामि त्ति पावगं ।।

एए पंच मज्झ मंगलं, एए पंच मज्झ देवया ।

एए पंच कित्तइत्ताणं, वोसिरामि त्ति पावगं ।।


नमो अरिहंताणं

 नमो सिद्धाणं

नमो आयरियाणं 

नमो उवज्झायाणं

नमो लोए सव्व साहूण ।


इस महामंत्र नवकार का 11 बार उच्चारण करें।


" जय जिनेन्द्र " 

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