मंगल जाप ( जैन भजन )
१. नारायण , नारायण, नारायण रे ।
वीरायण, वीरायण, वीरायण रे ।
२. देह-विनाशी, मै अविनाशी ।
अजर अमर पद , मेरा रे ।
३. श्रमण भगवन्त श्री महावीर,
त्रिशला नन्दन हर मेरी पीर ।
४. भज महावीर, भज महावीर;
भज मन प्यारे, भज महावीर ।
५. अरिहन्त भजो,
अरिहन्त भजो ।
अरिहन्त बनो,
अरिहन्त भजो ।
६.भगवन्त भजो,
भगवन्त भजो ।
भगवन्त बनो,
भगवन्त भजो ।
७. महावीर भजो,
महावीर भजो ।
महावीर बनो,
महावीर भजो ।
" जय जिनेन्द्र "
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" जय जिनेन्द्र "
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