जैन मुनि श्री रूपचंद जी महाराज की आरती

Abhishek Jain
0

जैन मुनि श्री रूपचंद जी महाराज का संक्षिप्त जीवन परिचय

त्यागमूर्ती श्री रूपचन्द जी महाराज का जन्म 1868 में माघ कृष्ण पक्ष की दशमी के दिन हुआ था । श्री रूपचन्द जी महाराज का जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ था ।

मुनि श्री के पिता का नाम लाला अमोलराय जी था तथा माता का नाम श्री मति मंगला देवी था । मुनि श्री भाबू गोत्र के ओसवाल थे और प्रसिद्ध वचन सिद्ध महापुरुष थे । जैन धर्म के गौरव जैन मुनि श्री रूपचंद जी महाराज एकल विहारी संत थे ।

जानिये - जैन साधु मुँह पर पट्टी क्यो बाँधते है ?


जैन मुनि श्री रूपचंद जी महाराज


जैन मुनि श्री रूपचंद जी महाराज की आरती

स्वामी मुनि रूपचन्द को, पूजो मन वच काय ।
रिद्धि सिद्धि मगंल करे, विघ्न दूर हो जाय ॥

॥ आरती ॥

ओम जय रूपचन्द देवा, स्वामी जय रूपचन्द देवा
तारण तरण कहाते, पार करो खेवा || ओमजय....
ओसवाल कुल भाबू, गोत्र में प्रकटे | स्वामी भाबू...
रोग शोक सब मिट गये, नभ से पुष्प बरसे || ओम जय...
धन लुधियाना धरती, रूप ने जन्म लिया। स्वामी रूप...
माँ मंगला ने पाला, जीवन सफल किया || ओम जय...
सुख वैभव सब छोडा, जैन मुनि बनकर | स्वामी जैन...
तप से प्रीत लगाई, चमके बन दिनकर || ओम जय...
क्रोध न मन में आवे, शांति दो दाता | स्वामी शांती..
दु:ख में कभी न डोलू, मन में हो साता | ओम जय...
विधाबल, धन पाकर, कभी न इतराऊँ । स्वामी कभी..
सुख में तुझे न भूलूं, न दुःख में घबराऊं ॥ ओम जय...
शरण में जो जन आया, बेड़ा पार किया | स्वामी बेडा...
भक्त जनो का पल में था उद्वार किया ॥ ओम जय...
चमत्कार दिखलाये, गुण गायें तेरा | स्वामी गुण...
. "आपका नाम".जैन कहे स्वामी, कष्ट हरो मेरा ॥ ओम जय..

॥ इति ॥


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।

एक टिप्पणी भेजें (0)