गणधर प्रभासस्वामी जी का जीवन परिचय
प्रभासस्वामी , भगवान महावीर के अन्तिम तथा ११ वें गणधर थे। ये राजगृह के कौंडिन्य ब्राह्मण थे, ये आयु में सबसे छोटे थे । इन्होने ४० वर्ष कि आयु में निर्वाण प्राप्त किया।
क्या आपको पता है जैन धर्म में गणधर क्या होते हैं ?
गणधर प्रभासस्वामी जी की शंका
भगवान महावीर के दीक्षा ग्रहण करने से पहले तक प्रभासस्वामी जी ब्राह्मण थे । दीक्षा के बाद उन्होने अपनी शंका समाधान के उपरांत जैन धर्म अपना लिया था और वह भगवान महावीर स्वामी के ग्यारहवें शिष्य, ग्यारहवें गणधर ,प्रभासस्वामी जी के नाम से विख्यात हुये ।
प्रत्येक गणधर को अपने ज्ञान में कोई ना कोई शंका थी, जिसका समाधान भगवान महावीर ने किया था ।
प्रभासस्वामी के मन में शंका थी कि, क्या मोक्ष होता है या नहीं ?
जानिये नवकार महामंत्र के पांच पदों की वंदना कैसे की जाती है ।
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