मेतार्यस्वामी, भगवान महावीर के १० वें गणधर थे। जो कि कौंडिन्य ब्राह्मण थे, इन्होने भी अपने ३०० शिष्यों के साथ भगवान महावीर से मुनि दीक्षा ग्रहण की थी । इन्होने ६२ वर्ष कि उम्र में मोक्ष प्राप्त किया।
जानिये - जैन धर्म में गणधर क्या होते हैं ?
गणधर मेतार्यस्वामी जी की शंका
भगवान महावीर के दीक्षा ग्रहण करने से पहले तक मेतार्यस्वामी जी ब्राह्मण थे । दीक्षा के बाद उन्होने अपनी शंका समाधान के उपरांत जैन धर्म अपना लिया था और वह भगवान महावीर स्वामी के प्रथम शिष्य, प्रथम गणधर,मेतार्यस्वामी जी के नाम से विख्यात हुये ।
प्रत्येक गणधर को अपने ज्ञान में कोई ना कोई शंका थी, जिसका समाधान भगवान महावीर ने किया था
मेतार्यस्वामी के मन में शंका थी कि, परलोक होता है या नहीं ?
जानिये - क्या जैन हिन्दू होते है ?
॥ इति ॥
अगर आपको मेरी यह blog post पसंद आती है तो please इसे Facebook, Twitter, WhatsApp पर Share करें ।
अगर आपके कोई सुझाव हो तो कृप्या कर comment box में comment करें ।
Latest Updates पाने के लिए Jainism knowledge के Facebook page, Twitter account, instagram account को Follow करें । हमारे Social media Links निचे मौजूद है ।
" जय जिनेन्द्र "
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।