भगवान वासुपूज्य जी जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर थे । भगवान वासुपूज्य का जन्म चम्पापुरी के राजपरिवार में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन हुआ था। इनके पिता का नाम वासुपुज्य राजा और माता का नाम जयावती था।
तीर्थंकर श्री वासुपूज्य जी की आरती
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।
पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।।ॐ जय.।।
चंपापुर नगरी भी स्वामी, धन्य हुई तुमसे। स्वामी धन्य......
जयरामा वसुपूज्य तुम्हारे स्वामी, मात पिता हरषे ।।1।। ॐ जय...
बालब्रह्मचारी बन स्वामी, महाव्रत को धारा। स्वामी महाव्रत......
प्रथम बालयति जग ने स्वामी, तुमको स्वीकारा ।।2।। ॐ जय...
गर्भ जन्म तप एवं स्वामी, केवलज्ञान लिया। स्वामी.......
चम्पापुर में तुमने स्वामी, पद निर्वाण लिया ।।3।। ॐ जय...
वासवगण से पूजित स्वामी, वासुपूज्य जिनवर। स्वामी......
बारहवें तीर्थंकर स्वामी, है तुम नाम अमर ।।4।। ॐ जय...
जो कोई तुमको सुमिरे प्रभु जी, सुख सम्पति पावे। स्वामी......
पूजन वंदन करके स्वामी, वंदित हो जावे ।।5।। ॐ जय...
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।
पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।।ॐ जय.।।
जानिये - तीर्थंकर वासुपूज्य जी का जीवन परिचय
अगर आपको मेरी यह blog post पसंद आती है तो please इसे Facebook, Twitter, WhatsApp पर Share करें ।
अगर आपके कोई सुझाव हो तो कृप्या कर comment box में comment करें ।
Latest Updates पाने के लिए Jainism knowledge के Facebook page, Twitter account, instagram account को Follow करें । हमारे Social media Links निचे मौजूद है ।
" जय जिनेन्द्र "
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।