पद्मप्रभु जी की आरती

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तीर्थंकर पद्मप्रभु जी

पद्मप्रभु जी की आरती

जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । 

जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । 


तुम बिन कौन जगत में मेरा २, पार करों खेवा २ 

जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ॥ 

 

तुम हो अगम अगोचर, स्वामी हम हैं अज्ञानी २। 

अपरम्पार तुम्हारी महिमा, काहू ना जानी २ ॥ 

तुम बिन कौन जगत में मेरा० 

 

विघ्न निवारो संकट टारो, हम आये शरणा २ । 

कुमति हटा सुमति दीज्यो, कर जोड़ पड़े चरणा २॥ 

तुम बिन कौन जगत में मेरा० 


पाँव पड़े को पार लगाया , सुख सम्पति दीना २ । 

श्रीपाल का कष्ट हटाकर, सुवर्ण तन कीना २॥ 

तुम बिन कौन जगत में मेरा०  


" जय जिनेन्द्र "


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