नवकार मंत्र की महिमा - जैन भजन

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नवकार मंत्र जैन धर्म का महामंत्र है , इस मंत्र की महिमा अपरमपार है , इस महामंत्र के प्रत्येक शब्द में जादु है , ये महामंत्र हर व्याधी का नाश करता है ।
श्रद्धा भाव से पढ़ा गया नवकार मंत्र समस्त पापो का नाश कर देता है , आप इस सुन्दर भजन को नित्य पढ़ सकते है या सामायिक के दौरान भी इसे पढ़ सकते है ।


नवकार मंत्र भजन

नवकार मंत्र की महिमा (जैन भजन)

नवकार मंत्र है महामंत्र
इस मंत्र की महिमा भारी है,
आगम में कथी गुरुवर से सुनी
अनुभव में जिसे उतारी है ॥ध्रु० ॥

'अरिहंताणं' पद पहला है
अरि आर्ति दूर भगाता है,
'सिद्धाणं' सुमिरन करने से
मनवांछित सिद्धि पाता है ।
'आयरियाणं' तो अष्टसिद्धि
नवनिधि के भंडारी हैं । नवकार १।

उवज्झायाणं अज्ञान तिमिर हर
ज्ञान प्रकाश फैलता है,
'सव्वसाहूणं' सब सुखदाता
तन मन को स्वस्थ बनाता है।
पद पांचों के सुमिरन करने से
मिट जाती कर्मबीमारी है । नवकार २।

श्रीपाल सुदर्शन मयणरेहा
जिसने भी जपा आनन्द पाया,
जीवन के सूने पतझड़ में
फूल खिले सौरभ छाया ।
मन नंदनवन में रमण करे,
यह ऐसा मंगलकारी है । नवकार ३।

नित्य नई बधाई सुने कान
लक्ष्मी वरमाला पहनाती,
'अशोक मुनि' जय-विजय मिले
शांति प्रसन्नता बढ़ जाती
सम्मान मिले, सत्कार मिले,
भवजल से नैया तारी है । नवकार ४।


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" जय जिनेन्द्र "

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