थावच्चापुत्र एक दिन अपनी अट्टालिका पर खड़ा था। उसके कानों में मधुर-मधुर गीत सुनाई दिए।…
श्री शुक्ल पद्मावती जननी, मम हृदय बस कमलासिनी। ध्याऊँ निन्तर भक्त पारस, नाथ ज्योति प्र…
कल्पबेल चिन्तामणि, कामधेनु गुण खान । अलख अगोचर अगमगति, चिदानन्द भगवान ।। पम् ज्योति पर…
श्री पैंसठिया यंत्र का छंद बहुत हि मंगलकारी और प्रभावशाली है, इस स्तुति के माध्यम से 2…
सिद्ध अरिहंत स्तुति सूत्र णमोत्थुणं, अरिहंताणं, भगवंताणं ।1। आइगराणं, तित्थयराणं, सय…
जिसमें गुण और पर्याय दोनों होते हैं, उसे द्रव्य कहते है। गुण का अर्थ है-सदा साथ में रह…
राजगृह नगर में अर्जुन नामक एक मालाकार अर्थात् माली रहता था। उसका नगर के बाहर एक बहुत स…
लोगस्स उज्जोयगरे, धम्म-तित्थयरे, जिणे। अरिहंते कित्तइस्सं, चउवीसं पि केवली ।1। उसभ-मज…
भगवान महावीर के दीक्षा पश्चात् 27वां वर्ष चल रहा था । प्रभु महावीर श्रावस्ती नगरी के …
प्रभु श्रेयांसनाथ जी जैन धर्म के 11वें तीर्थंकर है । प्रभु का जन्म फाल्गुन कृष्ण एकादश…
प्रभु शीतलनाथ जी जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर है । प्रभु का जन्म माघ कृष्ण बारस को भद्रि…
प्रभु सुविधनाथ जी जैन धर्म के 9वें तीर्थंकर है । प्रभु जी का दुसरा नाम पुष्पदंत जी भी …
चंदाप्रभु जी जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर है । श्री चंद्रप्रभु जी का जन्म चन्द्रपुरी मे…
सुपाश्वर्वनाथ जी जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर है । प्रभु का जन्म ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी…
पद्मप्रभु जी जैन धर्म के 6वें तीर्थंकर है । पदम प्रभु का जन्म कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी क…
प्रभु सुमतिनाथ जी जैन धर्म के 5वें तीर्थंकर है। प्रभु का जन्म चैत्र शुक्ल एकादशी को क…
प्रभु अभिनंदन जैन धर्म के चर्तुथ तीर्थंकर थे । इनके पिता का नाम संवर तथा माता का नाम…
भगवान संभवनाथ जी जैन धर्म के तृतीय तीर्थंकर थे । इनके पिता का नाम जितारी था तथा माता…
भगवान महावीर अंबिका नगरी कि तरफ बढ़े, वहा से मार्ग जंगल में दो रास्तो में बंट गया । कि…
कल्याण मंदिर स्तोत्र - संस्कृत कल्याण-मन्दिरमुदारमवद्य-भेदि भीताभय-प्रदमनिन्दितमं…
भगवान महावीर के दीक्षा पश्चात् 27वां वर्ष चल रहा था । प्रभु महावीर श्रावस्ती नगरी के …
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