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श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ स्तोत्र (कल्पबेल चिन्तामणि)

श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ स्तोत्र (कल्पबेल चिन्तामणि) कल्पबेल चिन्तामणि, कामधेनु गुण खान । अलख अगोचर अगमगति, चिदानन्द भ…

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श्री पैंसठिया यन्त्र का छन्द

श्री पैंसठिया यंत्र का छंद बहुत हि मंगलकारी और प्रभावशाली है, इस स्तुति के माध्यम से 24 तीर्थंकर प्रभु की आराधना की जात…

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णमोत्थुणं सूत्र (प्रणिपात पाठ)

सिद्ध अरिहंत स्तुति सूत्र   णमोत्थुणं, अरिहंताणं, भगवंताणं ।1। आइगराणं, तित्थयराणं, सयं-संबुद्धाणं ।2। पुरिसुत्तणामं, प…

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जैन धर्म के छः द्रव्य

जिसमें गुण और पर्याय दोनों होते हैं, उसे द्रव्य कहते है। गुण का अर्थ है-सदा साथ में रहने वाला धर्म और पर्याय का अर्थ है…

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अर्जुन माली की कहानी (जैन कहानी)

राजगृह नगर में अर्जुन नामक एक मालाकार अर्थात् माली रहता था। उसका नगर के बाहर एक बहुत सुन्दर व्यावसायिक उद्यान था। उसी उ…

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लोगस्स का पाठ (चतुर्विंशति-स्तव) हिन्दी अर्थ सहित

लोगस्स उज्जोयगरे, धम्म-तित्थयरे, जिणे। अरिहंते कित्तइस्सं, चउवीसं पि केवली ।1। उसभ-मजियं च वंदे, संभव-मभिणंदणं च, सुमइ…

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श्रेयांसनाथ जी का जीवन परिचय

प्रभु श्रेयांसनाथ जी जैन धर्म के 11वें तीर्थंकर है , प्रभु का जन्म फाल्गुन कृष्ण एकादशी के दिन सारनाथ में हुआ था । प्रभ…

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सुविधिनाथ जी

प्रभु सुविधिनाथ जी जैन धर्म के 9वें तीर्थंकर है । प्रभु जी का दुसरा नाम पुष्पदंत जी भी है, प्रभु सुविधिनाथ जी पुष्पदंत …

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